Sunday, August 25, 2013

प्रेम

Happy Morning :

प्रेम सदा नया होता है। वह कभी पुराना नहीं होता क्योंकि वह कुछ इकट्ठा नहीं करता, कुछ संगृहीत नहीं करता।
उसके लिए कोई अतीत नहीं है, वह हमेशा ताज़ा होता है, उतना ही ताज़ा जितने कि ओस कण। वह क्षण-क्षण जीता है, आणविक होता है। उसका कोई सातत्य नहीं होता, कोई परंपरा नहीं होती। प्रति पल मरता है और प्रति पल पुन:जन्मता है। वह श्वास की भांति होता है: तुम श्वास लेते हो,श्वास छोड़ते हो; फिर श्वास लेते हो, फिर छोड़ते हो। तुम उसे भीतर सम्हाल कर नहीं रखते।




No comments:

Post a Comment

Customer Like to Buy