Happy Life :
मनुष्य’’ जानवरों और पेड़-पौधों से ज्यादा संवेदनशीलता की संभावना लेकर पैदा होता है, परन्तु दुर्भाग्य से वह उसका उपयोग नहीं कर पाता है। क्योंकि वह प्रकृति के साथ जीने के बजाय अपनी बुद्धि से जीने की कोशिश में लगा हुआ है...
A ''human being'' is born with far superior potential of sensitivities than animals, trees and plants. But unfortunately, he is unable to utilize it because, instead of living in harmony with nature, he tries to follow his brain...
मनुष्य’’ जानवरों और पेड़-पौधों से ज्यादा संवेदनशीलता की संभावना लेकर पैदा होता है, परन्तु दुर्भाग्य से वह उसका उपयोग नहीं कर पाता है। क्योंकि वह प्रकृति के साथ जीने के बजाय अपनी बुद्धि से जीने की कोशिश में लगा हुआ है...
A ''human being'' is born with far superior potential of sensitivities than animals, trees and plants. But unfortunately, he is unable to utilize it because, instead of living in harmony with nature, he tries to follow his brain...
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